धर्मेन्द्र मोहन पंत
भारतीय टीम के हाल के प्रदर्शन को देखकर
और कुछ नये खिलाड़ियों के सहारे आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सरजमीं पर उतरने के कारण
कई क्रिकेट विश्लेषक मान रहे हैं टीम को 1992 की तरह मुंह की खानी पड़ सकती है। तब
भी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सह मेजबानी में विश्व कप का आयोजन हुआ था और मोहम्मद
अजहरूद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। भारतीय टीम की
कमान फिर से महेंद्र सिंह धौनी के हाथों में है जिनकी अगुवाई में भारत ने टी20 विश्व
चैंपियनशिप 2007, वनडे विश्व कप 2011 और चैंपियन्स ट्राफी
2013 में खिताब जीते थे। धौनी को तिहरी भूमिका निभानी पड़ेगी। उन्हें छठे नंबर के बल्लेबाज
के तौर पर डेथ ओवरों में अहम रन जोड़ने होंगे और फिनिशर की अपनी भूमिका को निखारना
होगा। इसके अलावा वह विकेटकीपर भी हैं।
शीर्ष क्रम
में शिखर धवन, रोहित शर्मा और अंजिक्य रहाणे हैं। धवन पिछले
कुछ समय से रन बनाने के लिये जूझ रहे हैं। रोहित अच्छी फार्म में हैं लेकिन उनकी चोट
टीम के लिये चिंता का विषय है। ऐसे में रहाणे बचते हैं जो फिलहाल रन भी बना रहे हैं
और टीम के भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक हैं। विराट कोहली की शीर्ष मध्यक्रम में भूमिका
अहम होगी। बेहतर यही है कि धौनी उनके साथ प्रयोग नहीं करें और उन्हें वनडे में उनके
पसंदीदा स्थान तीसरे नंबर पर ही उतारें। त्रिकोणीय श्रृंखला में कोहली को नंबर चार
पर उतारने का दांव नहीं चल पाया था। यदि धवन चल जाते हैं और रोहित फिट होते हैं तो
फिर रहाणे नंबर चार पर पारी संवारने का काम कर सकते हैं। सुरेश रैना नंबर पांच पर फिट
बैठते हैं। बायें हाथ का यह बल्लेबाज दूसरे पावरप्ले का अच्छा उपयोग कर सकता है। अंबाती
रायुडु को जरूरत पड़ने पर नंबर चार पर उतारा जा सकता है। वह विकेटकीपिंग का जिम्मा
भी संभाल सकते हैं। धौनी इसके बाद नंबर छह पर बल्लेबाजी के लिये आएंगे।
भारत के पास आलराउंडर के नाम पर स्टुअर्ट
बिन्नी और रविंद्र जडेजा हैं। जडेजा ने हाल में फिटनेस हासिल की है लेकिन उन्हें विश्व
कप से पहले खुद को मैचों के लिये भी तैयार करना होगा। बिन्नी को यह साबित करना होगा
कि उनका चयन 'सिफारिशी' नहीं था। उनकी
सीम और स्विंग गेंदबाजी आस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकती है। जडेजा
बायें हाथ के स्पिनर हैं और निचले क्रम में विशेषकर सातवें नंबर पर अच्छी बल्लेबाजी
कर सकते हैं। बिन्नी और जडेजा के बीच इस स्थान के लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को
मिलेगी।
भारत की
सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गेंदबाजी मानी जा रही है क्योंकि आस्ट्रेलियाई दौरे में गेंदबाजों
ने जब तब निराश किया। वनडे के बदले हुए नियमों में भारतीय गेंदबाजों को विश्व कप के
दौरान कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। तेज गेंदबाजों में इशांत शर्मा सबसे अधिक अनुभवी
हैं और उन्हें आस्ट्रेलिया की पिचों का अच्छी तरह से उपयोग करना भी आता है। भारत के
विश्व कप अभियान के लिये इशांत का फिट रहना भी जरूरी है। भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद
शमी समय समय पर विकेट निकालने में माहिर हैं लेकिन उमेश यादव अपनी गेंदों पर नियंत्रण
नहीं रख पाते हैं। शमी भी कई बार लाइन और लेंथ भूल जाते हैं और यदि ये दोनों विश्व
कप में ऐसी गलती करते हैं तो वह भारत को भारी पड़ सकती हैं। स्पिन विभाग का जिम्मा
रविचंद्रन अश्विन पर रहेगा। यह आफ स्पिनर चतुराई भरी गेंदबाजी करता है और बल्लेबाज
का मन पढ़कर गेंदबाजी करता है लेकिन पिचों से उन्हें मदद मिलेगी इसमें संदेह है। उनके
साथ बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल हैं जिन्होंने अब तक अवसरों का अच्छा फायदा उठाया
है। उम्मीद है कि गुजरात का यह 21 वर्षीय स्पिनर विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करके
भारत की वनडे टीम में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश करेगा। अश्विन और अक्षर दोनों
निचले क्रम में कुछ उपयोगी रन भी बनाने में सक्षम हैं।
विश्व कप में भारत के मैचों का कार्यक्रम (भारतीय समयानुसार)
रविवार, 15 फरवरी .. भारत बनाम पाकिस्तान, एडिलेड, सुबह नौ बजे से।
रविवार, 22 फरवरी .. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, मेलबर्न, सुबह नौ बजे से।
शनिवार, 28 फरवरी .. भारत बनाम संयुक्त अरब अमीरात, पर्थ, दोपहर 12 बजे से।
शुक्रवार, 06 मार्च .. भारत बनाम वेस्टइंडीज, पर्थ, दोपहर 12 बजे से।
मंगलवार, 10 मार्च .. भारत बनाम आयरलैंड, हैमिल्टन, सुबह छह बजकर 30 मिनट से।
शनिवार, 14 मार्च .. भारत बनाम जिम्बाब्वे, आकलैंड, सुबह छह बजकर 30 मिनट से।
No comments:
Post a Comment