Monday, January 12, 2015

डाउन अंडर में विश्व कप के भारतीय बल्लेबाज

                                                                                       धर्मेन्द्र 
     विश्व कप के लिये भारत ने जो टीम चुनी है उसकी बल्लेबाजी मजबूत मानी जा रही है। गेंदबाजी कमजोर पक्ष है लेकिन हम यहां पर केवल बल्लेबाजों तथा आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में उनके प्रदर्शन पर गौर करेंगे। यह आंकड़ों की बिसात है जो समय, परिस्थितियों और फार्म के हिसाब से बदल भी सकती है लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के लिये 'डाउन अंडर' यानि आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सरजमीं हमेशा चुनौती रही है और आंकड़ों पर गौर करने से भी साबित हो जाता है कि विशेषकर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट यानि वनडे में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और विराट कोहली को छोड़कर विश्व कप टीम के बाकी बल्लेबाज 'डाउन अंडर' में रन बनाने के लिये जूझते रहे हैं। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पिचें तेज होती हैं और उनमें पर्याप्त उछाल रहती है। भारत के सुरेश रैना और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को इस तरह की पिचें रास नहीं आती हैं। यदि भारत को विश्व कप का खिताब बरकरार रखना है तो इन बल्लेबाजों को खुद को साबित करना होगा और अपने पिछले रिकार्ड में सुधार करना होगा।
रिकार्ड में सुधार करना होगा धवन, रोहित और रैना को 
     
       चलिये अब आंकड़ों की जुबानी कहानी आगे बढ़ाते हैं। बल्लेबाजी क्रम से ही आगे बढ़ते हैं। भारत के लिये अभी शिखर धवन और रोहित शर्मा वनडे में पारी का आगाज कर रहे हैं। इन दोनों ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई टेस्ट श्रृंखला में निराशाजनक प्रदर्शन किया था और 'डाउन अंडर में उनका ओवरआल रिकार्ड भी प्रभावशाली नहीं है।  आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला की छह पारियों में केवल 167 रन बनाने वाले धवन ने विश्व कप के मेजबान देशों यानि आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अब तक केवल कीवियों की धरती पर चार वनडे खेले हैं जिनमें वह बुरी तरह नाकाम रहे। इन चार मैचों में उन्होंने 20.25 की औसत से 81 रन बनाये जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 32 रन रहा। उनके साथी सलामी बल्लेबाज रोहित को जरूर 22 वनडे खेलने का मौका मिला है जिनमें उन्होंने 29.52 की औसत से 502 रन बनाये हैं। वनडे में दो दोहरे शतक लगाने वाले रोहित को 'डाउन अंडर' में अब भी पहले शतक का इंतजार है। भारत को लीग चरण में आस्ट्रेलिया में चार और न्यूजीलैंड में दो मैच खेले हैं। इसका जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रोहित ने आस्ट्रेलिया में जो 15 वनडे खेले हैं उनमें वह केवल 26.16 की औसत से ही रन बना पाये हैं।
        ब बात करते हैं विराट कोहली की जिन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में 692 रन बनाकर साबित कर दिया कि उन पर परिस्थितियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वह दुनिया के किसी भी तरह की पिच पर रन बनाने में सक्षम हैं। कोहली हर तरह के प्रारूप में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी उतने ही सफल रहे हैं जितने की भारत में। भारत की टेस्ट टीम के नये कप्तान ने 'डाउन अंडर' में तीनों प्रारूपों में मिलकर 1923 रन बनाये हैं और उनका औसत 58.27 है। वनडे में उन्होंने दोनों देशों में अब तक जो 13 मैच खेले हैं उनमें 55.33 की औसत से 664 रन बनाये हैं। कोहली ने इन दोनों देशों की सरजमीं पर अब तक वनडे में एक एक शतक लगाया है।
     
कोहली और धौनी : आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में भी खूब चला है बल्ला
       कोहली यदि नंबर तीन पर उतरेंगे तो संभवत: नंबर चार की जिम्मेदारी अजिंक्य रहाणे संभालेंगे जो अच्छी फार्म में चल रहे हैं। वह अच्छे तकनीक वाले बल्लेबाज हैं और आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 399 रन बनाकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया है। रहाणे का  'डाउन अंडर' में वनडे रिकार्ड हालांकि बहुत खराब है और वह इसमें जरूर सुधार करने की कोशिश करेंगे। रहाणे ने अब तक आस्ट्रेलिया में कोई वनडे नहीं खेला है। उन्होंने पांच मैच न्यूजीलैंड की सरजमीं पर खेले जिसकी पांच पारियों में वह केवल 51 रन बना पाये। इनमें से चार पारियों में वह दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच पाये थे जबकि एक बार उन्होंने 36 रन की पारी खेली थी।    
          बल्लेबाजी क्रम में नंबर पांच सुरेश रैना के लिये सुरक्षित है जिन्हें हाल में सिडनी में पहली बार 'डाउन अंडर' में पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और वह दोनों पारियों में कुल चार गेंद का सामना कर पाये और खाता खोलने में भी नाकाम रहे। रैना ने इन दोनों मेजबान देशों में अब तक कुल 16 वनडे मैच खेले हैं जिनमें 32.58 की औसत से 391 रन बनाये हैं। वह इन 16 मैचों की 15 पारियों में केवल एक बार 50 रन के पार पहुंच पाये। आस्ट्रेलिया की सरजमीं पर तो वह आठ पारियों में केवल 182 रन ही बना पाये हैं और उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 40 रन है। मतलब यदि रैना आस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला या विश्व कप में अर्धशतक जड़ते हैं तो यह उनका आस्ट्रेलियाई धरती पर पहला पचासा होगा। मध्यक्रम के किसी बल्लेबाज या रहाणे के शीर्ष क्रम में खेलने की स्थिति में अंबाती रायुडु को मौका मिल सकता है। रायुडु ने अब तक आस्ट्रेलिया में अब तक कोई मैच नहीं खेला है। न्यूजीलैंड में उन्हें दो वनडे खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 57 रन बनाये हैं।
       विकेटकीपर बल्लेबाज और टीम के कप्तान धौनी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सरजमीं पर टेस्ट मैचों में भले ही अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये लेकिन वनडे में उन्होंने वहां भी अपना जलवा जमकर बिखेरा है। रिकार्ड के लिये बतादें कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके धौनी ने लंबी अवधि के प्रारूप में इन दोनों देशों में 13 टेस्ट मैच की 24 पारियों में 27.76 की औसत से 583 रन बनाये। जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 68 रन है। वनडे की कहानी इसके ठीक उलट है हालांकि इस प्रारूप में भी धौनी को अभी 'डाउन अंडर' में पहले शतक का इंतजार है। असल में धौनी अब तक इन दोनों देशों में किसी भी प्रारूप में शतक नहीं जड़ पाये हैं। वनडे की बात करें तो धौनी ने अब तक विश्व कप के मेजबान देशों की धरती पर 27 मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 67.20 के प्रभावशाली औसत से 1008 रन बनाये हैं। इनमें नौ अर्धशतक शामिल हैं। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों में उनका वनडे औसत 60 से ऊपर है।
         भारतीय टीम में चुने गये दो आलराउंडरों की चर्चा किये बिना भारतीय बल्लेबाजों के आंकड़ों की यह
बिन्नी और जडेजा को सही साबित करना होगा चयन 
कहानी अधूरी रहेगी। रविंद्र जडेजा ने इन दोनों देशों में 13 वनडे की 12 पारियों में 27.33 की औसत से 246 रन बनाये हैं। न्यूजीलैंड की सरजमीं पर उन्होंने ठीकठाक प्रदर्शन (पांच मैचों में 145 रन) किया है लेकिन आस्ट्रेलिया की धरती पर उनका बल्ला अभी तक नहीं चल पाया है। जडेजा ने आस्ट्रेलिया में जो आठ वनडे मैच खेले हैं उनमें वह केवल 101 रन बना पाये हैं और उनका औसत 16.83 है। यहां उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 24 रन है। भारत के दूसरे आलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने अब तक अंतरराष्ट्रीय मैचों में आस्ट्रेलियाई पिचों का स्वाद नहीं चखा है। न्यूजीलैंड में उन्होंने एक वनडे खेला है जिसमें उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। पिछले साल हैमिल्टन में खेले गये इस मैच में धौनी ने उनके बजाय आर अश्विन को पहले बल्लेबाजी के लिये भेज दिया था। इसके बाद बिन्नी से केवल एक ओवर की गेंदबाजी करवायी गयी जिसमें उन्होंने आठ रन दिये थे। इसके उलट रायुडु को तीन ओवर दिये गये थे। आप इसका कुछ भी मतलब निकाल सकते हैं। मैं तो आंकड़ों से खेलता हूं और मेरा इस पारी में प्रदर्शन कैसा रहा इसका फैसला आप पर छोड़ता हूं। इच्छा करे तो प्रतिक्रिया जरूर दें।
     (सभी आंकड़े 12 जनवरी 2015 तक के हैं)

No comments:

Post a Comment