Thursday, January 1, 2015

नया साल, खेल पुराने, उम्मीदें नयी

                                                                                                                       धर्मेन्द्र 
  
क्रिकेट का महाकुंभ
वर्ष 2014 ने बहुत थकाया। खिलाड़ियों को भी और हमें भी। शुरू से लेकर आखिर तक और तिस पर ये मुए विवाद। पर यही नियति है। उन्हें मैदान पर खेलना है और हमें कलम या यूं कहें कि कप्यूटर से। अब जिस वर्ष विश्वकप फुटबाल, हाकी विश्वकप, राष्ट्रमंडल, एशियाई खेल बड़ी प्रतियोगिताओं के अलावा आईपीएल, चैंपियन्स लीग और तमाम क्रिकेट श्रृंखलाएं जैसे हर साल होने वाले टूर्नामेंट भी हों तो फिर खेल की खबर लेने वालों की तो बाट लगेगी। बहरहाल ये काम है और इसमें मजा भी आता है।
     अब देखिये 2015 में भारत के आस्ट्रेलिया दौरे को लेकर रोमांच अभी बना हुआ है और उसके बाद 14 फरवरी से 31 मार्च तक वनडे विश्व कप होना है। क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट। भारत मौजूदा चैंपियन है और सबकी निगाह महेंद्र सिंह धौनी की टीम पर टिकी रहेगी। भारत ने वैसे 1992 में आस्ट्रेलिया . न्यूजीलैंड में खेले गये पिछले विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। देखते हैं कि इस बार समीकरण बदलते हैं या नहीं। मेरी नजर में तो भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दावेदार हैं और वेस्टइंडीज ​छुपा रूस्तम।
    विश्व कप 29 मार्च को समाप्त होगा और आठ अप्रैल से इंडियन प्रीमियर लीग का तमाशा शुरू हो जाएगा। आईपीएल 24 मई तक चलेगा। भारतीय टीम उसके बाद दो टेस्ट और तीन वनडे खेलने के लिये बांग्लादेश दौरे पर जाएगी। आपको याद दिला दें कि बांग्लादेश ने आज तक भारतीय सरजमीं पर कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। भारत 2014 में स्वदेश में एक भी टेस्ट मैच नहीं खेल पाया था। वेस्टइंडीज ने दगा देकर भारतीय खिलाड़ियों को रिकार्ड सुधारने का मौका नहीं दिया। यदि बीसीसीआई ने बीच में कोई टांका फिट नहीं किया तो फिर भारत अपनी सरजमीं पर लगभग दो साल बाद पहली टेस्ट सीरीज खेलेगा। दक्षिण अफ्रीका इस साल अक्तूबर . नवंबर में तीन टेस्ट मैच खेलने के लिये भारत आएगा। इस दौरान वह सात वनडे और दो टी20 मैच भी खेलेगा। दिसंबर में श्रीलंका भी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिये भारत का दौरा करेगा। इस साल जून से लेकर अगस्त तक
सानिया मिर्जा : फार्म बरकरार रखने की चुनौती
इंग्लैंड में एशेज भी होगी।
    क्रिकेट से इतर बात करें तो हाकी इंडिया लीग जनवरी में शुरू हो जाएगी लेकिन साल में सभी की निगाह भारतीय हाकी टीम पर टिकी रहेगी जिसने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई किया है। हाकी के अलावा भारत को फुटबाल में भी नये कोच की तलाश जल्द से जल्द पूरी करने की कोशिश करेगा। फुटबाल में भारत की कहानी 2014 में निराशाजनक रही। उम्मीद है कि 2015 में टीम जो कुछेक मैत्री मैच खेलेगी उनसे अपनी रैंकिंग में सुधार करने की कोशिश करेगी। फिर इंडियन सुपर लीग तो शुरू हो ही चुका है जो इस साल भी आखिरी महीनों में खेला जाएगा।
         टेनिस में सानिया मिर्जा पर निगाहें टिकी रहेंगी क्योंकि 2014 उनके लिये शानदार साल रहा। देखना होगा कि वह अपनी फार्म बरकरार रख पाती हैं या नहीं। लिएंडर पेस अब भी दम ठोक रहे हैं और यह अच्छी बात है। वर्ष के चार ग्रैंडस्लैम में उनके प्रदर्शन पर भी निगाह रहेगी। बैडमिंटन में साइना नेहवाल के सामने चीनी चुनौती फिर से रहेगी लेकिन वह अभी शीर्ष पांच में शामिल है और नंबर एक बनने के अपने सपने को पूरा कर पाती हैं या नहीं यह काफी हद तक 2015 में उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। पुरूष वर्ग में के श्रीकांत ने उम्मीदें जगायी हैं और इसलिए उनके सामने भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा।
राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर
        ओलंपिक की बात करें तो अगले साल रियो में खेलों का महाकुंभ होना है। पहलवान, निशानेबाज, मुक्केबाज, तीरंदाज इन खेलों के लिये क्वालीफाई करने के इस साल विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे। सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे पहलवान संभवत: अपने आखिरी ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। लंदन ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया और इसलिए उम्मीदें बढ़ गयी हैं लेकिन वर्ष 2015 में खिलाड़ियों के लिये पदक नहीं बल्कि ओलंपिक का टिकट हासिल करना महत्वपूर्ण होगा।  वैसे इस साल के शुरू में यानि 31 जनवरी से 14 फरवरी के बीच केरल में राष्ट्रीय खेल होंगे और वहां हमें रियो के लिये कुछ नये दावेदार मिल सकते हैं। उम्मीद है कि वर्ष 2015 भारत को खेलों में कुछ नयी उपलब्धियां, कुछ नये स्टार देकर जाएगा।
     

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