Wednesday, December 24, 2014

साथ खेले 408 मैच, कभी साथ नहीं की बल्लेबाजी

                                                                      धर्मेन्द्र मोहन पंत 
         पिछले दिनों एक रोचक आंकड़ा हाथ लगा। दो खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग दो दशक तक 408 मैच साथ में खेले लेकिन उन्होंने कभी एक साथ बल्लेबाजी नहीं की। है न हैरानी की बात। दो दशक तक ये दोनों खिलाड़ी श्रीलंका की टीम के अहम अंग बने रहे, लेकिन कभी बल्ला पकड़कर एक साथ क्रीज पर नहीं उतरे। 
          मैं बात कर रहा हूं सनथ जयसूर्या और मुथैया मुरलीधरन की। दोनों अपने . अपने फन में माहिर। ये दोनों 90 टेस्ट, 307 एकदिवसीय और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में साथ में खेले लेकिन संयोग ऐसा बना कि वे कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाये। जयसूर्या ने करियर की शुरूआत मध्य​ निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में की लेकिन बाद में वह सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गये। दूसरी तरफ मुरलीधरन हमेशा निचले क्रम के बल्लेबाज रहे। वह अपने करियर में अधिकतर 10वें या 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे। पांच पारियों में वह आठवें और 45 पारियों में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आये। 
        हम उन मैचों की बात करेंगे जिनमें जयसूर्या और मुरलीधरन दोनों साथ में खेले। इस तरह के जिन 408 मैचों का मैंने ऊपर जिक्र किया है उनकी 267 पारियों में मुरलीधरन ने बल्लेबाजी की थी। संयोग से इन सभी पारियों में जयसूर्या पहले ही आउट हो गये और इसलिए उनके एक छोर पर रहते हुए मुरलीधरन कभी बल्लेबाजी के लिये नहीं उतर पाये। 
       कुछ ऐसे अवसर जरूर आये जबकि जयसूर्या के क्रीज पर रहते हुए मुरलीधरन को बल्लेबाजी का मौका मिल सकता था। मसलन जब मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की तो जयसूर्या तब छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आते थे। लेकिन संयोग ऐसा बना कि या तो तब 11वें नंबर ​के बल्लेबाज मुरलीधरन की बल्लेबाजी की नौबत नहीं आयी या फिर जयसूर्या जल्दी आउट हो गये। उस दौर में जयसूर्या टेस्ट मैचों में दो ऐसी पारियों में नाबाद रहे थे जिनमें वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे। 
       जयसूर्या की बात करें तो उन्होंने मुरलीधरन के टीम में रहते हुए कुुल 468 पारियां खेली, 15964 रन बनाये, जिसमें 32 शतक और 87 अर्धशतक शामिल हैं लेकिन वह कभी दुनिया के दिग्गज आफ स्पिनर के साथ जोड़ी नहीं बना पाये। रिकार्ड पर गौर करें तो जयसूर्या ने मुरलीधरधन की मौजूदगी वाले मैचों में 39 जोड़ीदारों के साथ साझेदारियां निभायी। उन्होंने ऐसे मैचों में सर्वाधिक 219 बार मर्वन अटापट्टू और 101 बार रोमेश कालूवितर्णा के साथ जोड़ी बनायी। दिलचस्प बात यह है कि मुरलीधरन ने कालूवितर्णा के साथ चार और अटापट्टू के साथ दो पारियों में साथ में बल्लेबाजी की थी। 
      मुरलीधरन ने शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों जैसे कि तिलकरत्ने दिलशान (दस बार), कुमार संगकारा (सात), माहेला जयवर्धने (पांच), रोशन महानामा, अरविंद डिसिल्वा और रोशन महानामा (तीन . तीन बार) के साथ मिलकर भी बल्लेबाजी की थी। यहां तक कि एशिया एकादश और आईसीसी विश्व एकादश की तरफ से मुरलीधरन ने जो मैच (वनडे और टेस्ट) खेले उनमें उन्हें राहुल द्रविड़ और जाक कैलिस जैसे बल्लेबाजों के साथ
क्रमश: दो और चार मिनट तक साथ में बल्लेबाजी करने का मौका मिला था।
     मुरलीधरन ने वैसे अपने करियर में सर्वाधिक 67 पारियों में चमिंडा वास के साथ बल्लेबाजी की। जयसूर्या की रहते हुए वह जिन 267 पारियों में बल्लेबाजी के लिये उतरे उनमें उन्होंने 1617 रन बनाये जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। इनमें टेस्ट मैचों की 113, वनडे की 152 और टी20 की दो पारियां शामिल हैं। इसके उलट गेंदबाजी में आपको जरूर 44 बार कॉट जयसूर्या बोल्ड मुरलीधरन तथा 12 बार कॉट मुरलीधरन बोल्ड जयसूर्या पढ़ने को मिल जाएगा। 

1 comment:

  1. एलिस्टेयर कुक और स्टुअर्ट ब्राड ने पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर 2015 में शारजाह में साथ में बल्लेबाजी की। इन दोनों ने तब तक जो 87 टेस्ट मैच खेले उनमें यह पहला अवसर था जबकि दोनों ने साथ में बल्लेबाजी की।

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